एक अनुभव!!!
This is the first article I wrote in Hindi almost a year and half back for Parichay's Newsletter :)
परिचय के साथ मेरे रिश्ते की उम्र अभी दो साल हो गई है! परिचय को जानना मेरी ज़िन्दगी का पहला मौका था जो मुझे कुछ बच्चों के पास ले गया! मैं इसके पहले भी कुछ सामाजिक कर्यों से जुडा हुआ था, लेखिन कहीं पर भी मैंने बच्चों के साथ काम नही किया था! इसीलिए पहली बार जब मैं परिचय गया थो मुझे बहुत अच्छा लगा और बहुत खुशी मिली! मैं उस दिन को अभी भी याद कर पार रहा हूँ जिस दिन सुबह हम लोग परिचय पहुंचे थे... पहले बार मैं बच्चों से मिला और विजय भैया से भी! मैं बच्चों को कुछ सिखाने के विचार से ही परिचय गया था, लेखिन वहां पहुँचने के बाद ही मुझे पता चला कि मैं बच्चों को कुछ सिखा नही सकता.. और उसी दिन यह भी पता चला कि मुझे इन बच्चो से बहुत कुछ सीखना है, ऐसा कुछ जो मुझे अब तक मेरी जिंदगी नही सिखा पाई! उस दिन से आज तक मैं परिचय कुछ सीखने के लिए ही जा रहा हूँ और वापस कुछ सीखकर ही आता हूँ, जो पिछले चौबीस सालों मैं पाठशाला और प्रयोगशाला ने नही सिखाया!
मैं बाल मनोविज्ञान नही जानता लेखिन यह कह सकता हूँ कि रानी, मोनी, सोना, हीरा, बुलबुल, तरुन्नुम और मोनू को शायद मैं अच्छी तरह से जानता हूँ! एन बच्चों मैं एक आग है जो हमेशा जलती रहती है! मैं इस आग कि तपिश को इनसे बात करते समय और कक्षा मैं सीखने के दौरान इनकी लगन को देखकर महसूस किया! जब मैं इन बच्चों से मिला था तो मुझे पता नही था कि इनमे से कही बच्चें अपने स्कूल मैं सबसे अच्छे नम्बर पर आते हैं! लेखिन उसी समय महसूस किया कि ये खुद को साबित कर सकते हैं, और बाद मैं पता चला कि ऐसा ही हो रहा है!
मोनी ने पूछने पर बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है! मैं तो सिर्फ़ इतना जानता हूँ कि हमारे देश मे स्कूल में जाकार किसी पहली कक्षा के बच्चों से भी पूछो कि वह क्या बनना चाहते हैं तो जवाब मिलेगा कि वह या तो डॉक्टर, या फिर इंजिनियर बनना चाहता है, यह अलग बात है कि उसे डॉक्टर - इंजिनियर का मतलब नही पता होता! लेखिन जब मोनी ने मुझसे कहा थो मैं महसूस कर पाया की वह सब कुछ समझती है और समझकर ही कहती है! मैं सब लोगों से कहने चाहता हूँ की यह लड़खी एक दिन ज़रूर डॉक्टर बनेगी!
विजय भैया से मिलने के बाद मुझे ये लगा कि उन जैसा एक भी काम अगर हमारे गाँव मे शुरू कर दिया ना तो हमारे देश के हालात बदल जायेंगे! विजय भैया के बातें सुनने के लिए ही मैं काफ़ी बार परिचय गया हूँ! उनके विचारों सुनकर किसी भी आदमी के मन मैं अपने देश के लिए विशन आ जायेगा! मैं बच्चों और भैया को धन्यवाद् करना चाहता हूँ उन्होंने मेरे हिन्दी को टोलेरेट किया और उससे सुधरने मैं मेरी मदद भी कि! इसी कोशिश के चलते विजय भैया मुझसे हिन्दी में यह सब लिखवा कर सफल भी हो गए...और विजय भैया का मतलब ही है "सफलता"!
परिचय के साथ मेरे रिश्ते की उम्र अभी दो साल हो गई है! परिचय को जानना मेरी ज़िन्दगी का पहला मौका था जो मुझे कुछ बच्चों के पास ले गया! मैं इसके पहले भी कुछ सामाजिक कर्यों से जुडा हुआ था, लेखिन कहीं पर भी मैंने बच्चों के साथ काम नही किया था! इसीलिए पहली बार जब मैं परिचय गया थो मुझे बहुत अच्छा लगा और बहुत खुशी मिली! मैं उस दिन को अभी भी याद कर पार रहा हूँ जिस दिन सुबह हम लोग परिचय पहुंचे थे... पहले बार मैं बच्चों से मिला और विजय भैया से भी! मैं बच्चों को कुछ सिखाने के विचार से ही परिचय गया था, लेखिन वहां पहुँचने के बाद ही मुझे पता चला कि मैं बच्चों को कुछ सिखा नही सकता.. और उसी दिन यह भी पता चला कि मुझे इन बच्चो से बहुत कुछ सीखना है, ऐसा कुछ जो मुझे अब तक मेरी जिंदगी नही सिखा पाई! उस दिन से आज तक मैं परिचय कुछ सीखने के लिए ही जा रहा हूँ और वापस कुछ सीखकर ही आता हूँ, जो पिछले चौबीस सालों मैं पाठशाला और प्रयोगशाला ने नही सिखाया!
मैं बाल मनोविज्ञान नही जानता लेखिन यह कह सकता हूँ कि रानी, मोनी, सोना, हीरा, बुलबुल, तरुन्नुम और मोनू को शायद मैं अच्छी तरह से जानता हूँ! एन बच्चों मैं एक आग है जो हमेशा जलती रहती है! मैं इस आग कि तपिश को इनसे बात करते समय और कक्षा मैं सीखने के दौरान इनकी लगन को देखकर महसूस किया! जब मैं इन बच्चों से मिला था तो मुझे पता नही था कि इनमे से कही बच्चें अपने स्कूल मैं सबसे अच्छे नम्बर पर आते हैं! लेखिन उसी समय महसूस किया कि ये खुद को साबित कर सकते हैं, और बाद मैं पता चला कि ऐसा ही हो रहा है!
मोनी ने पूछने पर बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है! मैं तो सिर्फ़ इतना जानता हूँ कि हमारे देश मे स्कूल में जाकार किसी पहली कक्षा के बच्चों से भी पूछो कि वह क्या बनना चाहते हैं तो जवाब मिलेगा कि वह या तो डॉक्टर, या फिर इंजिनियर बनना चाहता है, यह अलग बात है कि उसे डॉक्टर - इंजिनियर का मतलब नही पता होता! लेखिन जब मोनी ने मुझसे कहा थो मैं महसूस कर पाया की वह सब कुछ समझती है और समझकर ही कहती है! मैं सब लोगों से कहने चाहता हूँ की यह लड़खी एक दिन ज़रूर डॉक्टर बनेगी!
विजय भैया से मिलने के बाद मुझे ये लगा कि उन जैसा एक भी काम अगर हमारे गाँव मे शुरू कर दिया ना तो हमारे देश के हालात बदल जायेंगे! विजय भैया के बातें सुनने के लिए ही मैं काफ़ी बार परिचय गया हूँ! उनके विचारों सुनकर किसी भी आदमी के मन मैं अपने देश के लिए विशन आ जायेगा! मैं बच्चों और भैया को धन्यवाद् करना चाहता हूँ उन्होंने मेरे हिन्दी को टोलेरेट किया और उससे सुधरने मैं मेरी मदद भी कि! इसी कोशिश के चलते विजय भैया मुझसे हिन्दी में यह सब लिखवा कर सफल भी हो गए...और विजय भैया का मतलब ही है "सफलता"!
Comments
Waise the hindi in this article has a lot of Vijay bhaiya's hand.... and happy to know this Jyoti that you prefer to read my blog if you want to read something good.... waise you should also read Darshan's and Arun's blog...
Keep Visiting and commenting :)